लाभोन्माद, भोगोन्माद को मानवजीवन का मूल मान लिया गया।
2.
लाभोन्माद, भोगोन्माद को मानवजीवन का मूल मान लिया गया।
3.
लोग बीज पर ध्यान देते हैं और उसे मूल मान बैठते हैं।
4.
डार्विन पश्चिम के हैं तो क्या हम पश्चिम को ही ज्ञान-विज्ञान का मूल मान लें।
5.
अत: हे पार्थ तू मुक्तिबोध की कविता 'क्योंकि जो है उससे बेहतर चाहिए' को मूल मान संघर्ष करता जा।
6.
अत: हे पार्थ तू मुक्तिबोध की कविता ' क्योंकि जो है उससे बेहतर चाहिए ' को मूल मान संघर्ष करता जा।
7.
उसे लगा दुनिया वैसी नहीं हो पा रही है जैसी होनी चाहिए उसका मूल कारण रस की उपेक्षा और बीज को मूल मान बैठने की गलती है।
8.
विश्व के अन्य देशों के भाषाविदों या विद्यार्थियों द्वारा जिस प्रकार संस्कृत को भाषाओं की मूल मान कर अध्ययन किया जाता है उसी प्रकार भारत में भी सभी पूर्वाग्रहों से हट कर संस्कृत का अध्ययन किया जाना अनिवार्य है।
9.
आधुनिक विज्ञानं कुछ सदियों पूर्व भौतिक संसार को मूल मान, जो बाहरी टूल आदि का उपयोग कर, अथवा मानव आँखों से वैसे ही सीधे दिखता है, उस के आधार पर कुछेक सदियों से ही ' शून्य ' से आरम्भ कर और श्रंखलाबद्ध रूप से रिकोर्ड कर एक स्तर तक पहुंचा है-जो काबिले तारीफ़ है, डॉक्टर तारीफ सिंह जी...